लघु समाचार पत्र एवं आंचलिक पत्रकारिता पर सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता।

लघु समाचार पत्र एवं आंचलिक पत्रकारिता पर सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता।
मुझे याद है आता है कॉलेज के समय ट्रेन और बस की जब मैं यात्रा किया करती थी तो लोकल अखबार पढ़ा करती थी इससे सफ़र आसानी से कट जाता था l हम हर दिन आधुनिक हो रहें हैं हमारी पुरानी धरोहर आज हाशिये पर हैं l आजादी के आंदोलन में छोटे अखबारों का योगदान अहम रहा है। इन अखबारों ने जनता को जागरूक करने, राष्ट्रीय भावना जगाने और ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। और आज इनकी भूमि सिमट रही है । मेरा सरकार से निवेदन है इनकी भूमिका की भूमि और सरकार की भूमिका इतनी मजबूत हो ताकि संघर्ष करने वाले पत्रकार सहायता से साथ चले और लोकतंत्र को मजबूत बनाने का काम करे । छोटे न्यूजपेपर अक्सर स्थानीय समाचारों और मुद्दों पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं, जो बड़े अखबारों में कम जगह पाते हैं। यह स्थानीय समुदायों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। ट्रेन बस के लंबे सफर में छोटे न्यूजपेपर पढ़कर यात्री अपने आसपास के क्षेत्र और देश में हो रही घटनाओं से अपडेट रहते हैं l
छोटे न्यूजपेपरों में अक्सर हास्य, कहानियां और अन्य मनोरंजक सामग्री होती है जो यात्रा को और अधिक आनंददायक बना देती है l सरकार छोटे पत्रकारों को वित्तीय सहायता प्रदान कर सकती है, जैसे कि छात्रवृत्ति, अनुदान, या कम ब्याज दरों पर ऋण। यह उन्हें अपने काम को शुरू करने और विकसित करने में मदद करेगा। सरकार पत्रकारिता के क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रायोजित कर सकती है। इससे छोटे पत्रकारों को अपने कौशल को बेहतर बनाने और उद्योग के मानकों को पूरा करने में मदद मिलेगी। सरकार छोटे पत्रकारों को आवश्यक उपकरण और संसाधन उपलब्ध करा सकती है, जैसे कि कंप्यूटर, कैमरे, और इंटरनेट कनेक्टिविटी। सरकार छोटे पत्रकारों को कानूनी सुरक्षा प्रदान कर सकती है, ताकि वे बिना किसी डर के अपने काम कर सकें। सरकार सूचना का अधिकार कानून को मजबूत करके छोटे पत्रकारों को सूचना तक पहुंचने में मदद कर सकती है। सरकार विभिन्न माध्यमों से पत्रकारिता को बढ़ावा दे सकती है, जैसे कि पुरस्कार, सम्मेलन, और कार्यशालाएं ताकि स्टार्टअप में सहायक हो l वह अधिक स्वतंत्र रूप से काम कर पाएंगे। वह अपनी रिपोर्टिंग में अधिक गहराई तक जा सकेंगे। वह अधिक प्रभावी ढंग से जनता को सूचित कर पाएंगे। वह पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बना सकेंगे।
सरकार द्वारा छोटे पत्रकारों को सहायता देने से समाज को भी लाभ होगा l अधिक विविधतापूर्ण और स्वतंत्र मीडिया बेहतर सूचना तक पहुंच लोकतंत्र को मजबूत करेगा l छोटे पत्रकार अक्सर बड़े मीडिया घरानों द्वारा कवर नहीं किए जाने वाले मुद्दों पर रिपोर्टिंग करते हैं। इसलिए, उनकी खबरें उन लोगों तक पहुंचती हैं जो इन मुद्दों के बारे में जानना चाहते हैं और बड़े मीडिया पर भरोसा नहीं करते। छोटे पत्रकार अक्सर स्थानीय मुद्दों पर रिपोर्टिंग करते हैं। इसलिए, उनकी खबरें स्थानीय समुदायों द्वारा अधिक पढ़ी जाती हैं। छोटे पत्रकारों की खबरें अक्सर उन सामाजिक समूहों द्वारा पढ़ी जाती हैं जो हाशिए पर हैं या जिनकी आवाज को बड़े मीडिया में कम जगह मिलती है।
लेखक ✍️ रिंकू शर्मा भाजपा नेत्री जयपुर राजस्थान।